दिल्ली कांग्रेस में अंदरूनी कलह गहराई, गुरचरन सिंह राजू के समर्थन में दर्जनभर पदाधिकारियों ने दिया इस्तीफ़ा

 

नई दिल्ली। दिल्ली कांग्रेस में इन दिनों अंदरूनी असंतोष और नेतृत्व विरोधी माहौल अपने चरम पर है। कृष्णा नगर ज़िला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गुरचरन सिंह राजू के पार्टी से निष्कासन के बाद शुरू हुआ विरोध अब और तेज़ हो गया है। राजू के समर्थन में लगातार कांग्रेस पदाधिकारी अपने-अपने पदों से इस्तीफ़ा दे रहे हैं और इस कार्रवाई को पार्टी परंपरा और संविधान के खिलाफ बताया जा रहा है।


इसी क्रम में रविवार को राम नगर क्षेत्र में कर्मठ कांग्रेस कार्यकर्ता राजेश गेहरा के नेतृत्व में एक अहम बैठक आयोजित की गई, जिसमें ज़िले के दर्जनभर पदाधिकारियों ने दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र यादव के रवैये के प्रति नाराज़गी जताई और गुरचरन सिंह राजू के समर्थन में सामूहिक इस्तीफ़ा दिया। बैठक में मौजूद नेताओं और कार्यकर्ताओं का कहना था कि प्रदेश नेतृत्व द्वारा वर्कर्स की भावनाओं को पूरी तरह नज़रअंदाज़ किया जा रहा है। संगठन में संवाद और सम्मान की जगह अब तानाशाही का माहौल है, जिसे कार्यकर्ता कतई स्वीकार नहीं करेंगे।


नेताओं ने कहा कि गुरचरन सिंह राजू को पार्टी से निष्कासित किया जाना कांग्रेस की लोकतांत्रिक परंपराओं के ख़िलाफ़ है और यह कार्रवाई पूर्णतः अनुचित एवं भेदभावपूर्ण है। उन्होंने कांग्रेस हाईकमान से मांग की कि राजू जी का निष्कासन तुरंत वापस लिया जाए और पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की जाए ताकि ज़मीनी कार्यकर्ताओं के साथ न्याय हो सके।


बैठक के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए गुरचरन सिंह राजू ने कहा कि जब मैंने प्रदेश अध्यक्ष देवेंद्र यादव द्वारा मेरे साथ किए गए दुर्व्यवहार की शिकायत वरिष्ठ नेतृत्व से की थी और प्रेस कॉन्फ्रेंस के ज़रिए यह मुद्दा सार्वजनिक किया, तो उसके मात्र एक घंटे पहले मेरे निष्कासन की प्रेस विज्ञप्ति जारी कर दी गई। उन्होंने कहा कि संगठन में शिकायत भेजे हुए एक महीना हो गया, लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। यह पूरी प्रक्रिया कांग्रेस के अंदर लोकतंत्र को कुचलने जैसी है। राजू ने सभी समर्थकों और इस्तीफ़ा देने वाले नेताओं का आभार व्यक्त करते हुए इसे अपने लिए एक नैतिक समर्थन बताया।


इस महत्वपूर्ण बैठक में जिन नेताओं ने भाग लिया और समर्थन जताया, उनमें प्रमुख रूप से राजेश शर्मा, कवलजीत भुई, कमरजीत भुई, डॉ. मुश्ताक़ अंसारी, हाजी कमरुद्दीन, सुखविंदर सिंह बब्बर, विजय पांडे, ओ.पी. भट्ट, सतीश बुद्धिराजा, रोहित अरोड़ा, ओम प्रकाश मिगलानी, गुरशरण घोसला, संजय शर्मा, प्रीतपाल सिंह पाली, अमरजीत सिंह, कपिल मनोचा, वरिंदर शर्मा, प्रवेश धवन, धीरज सहगल, ओंकार सिंह, बॉबी अरोड़ा, रामशरण खन्ना और मनोज गेहरा शामिल थे।

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