संगीत और नृत्य मेरी आत्मा की भाषा हैं तथा दादा साहेब फाल्के पुरस्कार मेरे जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि : ममता श्रीवास्तव






















दिल्ली में आयोजित होने वाले स्टेज शोज़ के बीच एक नाम ऐसा भी है जिन्होंने अपनी एक अलग पहचान बनाई है, जी हाँ हम बात कर रहे हैं ममता श्रीवास्तव की। फेस न्यूज़ संवाददाता रफ़ीक़ अहमद के साथ फेस टॉक शो में हुई बातचीत में प्रसिद्ध प्लेबैक सिंगर, कथक नृत्यांगना और संगीत शिक्षिका ममता श्रीवास्तव ने अपने कला-सफ़र, प्रेरणाओं और उपलब्धियों को साझा किया। आइये जानते हैं क्या कुछ जानकारी दर्शकों तक पहुँची इस फ़ेस टॉक शो के माध्यम से। 

👉 ममता जी, सबसे पहले आपकी शिक्षा और संगीत यात्रा के शुरुआती दिनों के संबंध में कुछ बताएँ ?

मेरी संगीत यात्रा की शुरुआत बहुत छोटी उम्र से हुई, बचपन से ही मुझे नृत्य और सिंगिंग का शौक़ था, स्कूल प्रोग्राम्स में भी मुझे मेरी प्रस्तुति के लिए अनेकों बार प्रोत्साहित किया गया, फिर मैंने एम.ए. (संगीत) और बी.एड. किया है, साथ ही प्रयाग संगीत समिति, इलाहाबाद से संगीत प्रभाकर, संगीत प्रवीन और कथक नृत्य में उच्च योग्यता प्राप्त की है। संगीत मेरे जीवन का आधार है, और नृत्य उसकी अभिव्यक्ति।

👉 अक्सर यह माना जाता है कि सफल कलाकार के पीछे किसी अनुभवी दिग्गज का हाथ होता है तो आप अपनी सफलता का श्रेय किसको देना चाहोगी ?

मेरे माता पिता, पति अनूप सक्सेना, बेटी सुरीली सक्सेना के सहयोग बिना यह सफ़र संभव नहीं था साथ ही पंडित श्री हरि दत्त शर्मा जी के सानिध्य में मेरी सगीत शिक्षा पूर्ण हुई इन्ही सब के स्पोर्ट से मैं आज इस मक़ाम तक पहुँची हूँ। 

👉 आपका शौक़ प्रोफेशन में कब बदला ?

मैंने वर्ष 1995 में डी.ए.वी. पब्लिक स्कूल, गाज़ियाबाद में कथक शिक्षिका के रूप में अपने करियर की शुरुआत की। इसके बाद श्री ठाकुरद्वारा बालिका विद्यालय में संगीत अध्यापिका के रूप में कार्य किया।
सन् 1999 से अब तक मैं ग्रीन फील्ड्स पब्लिक स्कूल, दिलशाद गार्डन (दिल्ली) में हेड ऑफ म्यूज़िक डिपार्टमेंट के पद पर कार्यरत हूँ और सैकड़ों विद्यार्थियों को संगीत और नृत्य की शिक्षा दे चुकी हूँ।


👉 आपने किन-किन मंचों और संस्थानों के लिए काम किया है ?


मुझे राष्ट्रीय, दूरदर्शन और मंत्रालय स्तर के कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों का निर्देशन और कोरियोग्राफी करने का अवसर मिला है, इसके अलावा मेरे करियर में एक सुनहरा अध्याय तब जुड़ा जब मुझे वर्ष 2009 में बुगी बुगी में परफॉर्म करने का अवसर मिला, पूरे देश ने मेरे टैलेंट को सराहा। इसके बाद मेरे निर्देशन में बच्चों के समूहों ने सद्भावना दिवस और इंदिरा गांधी पुरस्कार समारोह जैसे प्रतिष्ठित मंचों पर प्रस्तुति दी है। मेरे कार्य की सराहना बॉलीवुड जगत के दिग्गज ए. आर. रहमान, गुलज़ार, राजनीति के दिग्गज सोनिया गांधी और शीला दीक्षित जैसी महान हस्तियों ने की, जो मेरे लिए सबसे बड़ा सम्मान है।


👉 बतौर कलाकार, आपके प्रमुख संगीत और नृत्य कार्य कौन से रहे ?

मैंने कई एलबमों में प्लेबैक सिंगर और कोरियोग्राफर के रूप में कार्य किया है।
मेरे प्रमुख एलबमों में “मस्त मस्त कर दे”, “साईं हुज़ूर” (अनूप जलोटा के साथ), “चलो शिर्डी को जाएं”, “खाटू धाम जाएंगे”, “सजना मैं वारी जाऊँ”, “बंसी की कैसी”,  “रंग दे चुनरिया”, और “साईं के दीवाने” शामिल हैं।
और मुझे कुनाल गांजावाला, विपिन सचदेवा, रविंद्र जैन और विनोद राठौर जैसे प्रसिद्ध कलाकारों के साथ मंच साझा करने का सौभाग्य मिला है।

👉 आपकी किस एल्बम को दर्शकों का अधिक प्रेम मिला या यूँ कहें कि हिट एल्ब्स्म कौन सी हैं ?

 यूँ तो मेरे सभी प्रोजेक्ट्स को संगीत प्रेमियों ने सराहा लेकिन “सजना मैं वारी वारी जाऊं” (टीसीरीज़), “मस्त मस्त कर दे” (टी सीरीज़), “रंग दे चुनरिया” (टी सिटीज़), महिमा त्रिशूल धारी की (सोनाटेक) आदि एल्ब्सम्स मेरी हिट एल्बम्स हैं, इन सभी को संगीत प्रेमियों का अधिक प्रेम मिला। 

👉 आपनी उपलब्धियों और सम्मान के बारे में भी कुछ बताइये ?


मेरे लिए मेरे हर विद्यार्थी की सफलता मेरी उपलब्धि है और सम्मान की अगर बात करें तो सैंकड़ों स्टेजों पर मुझे सम्मान मिला है, जिसमें “दादा साहब फाल्के पुरस्कार”  मेरी जिंदगी का सबसे बड़ा पुरस्कार है जिसको पाकर मुझे बहुत खुशी हुई इसके अलावा यूथ फेस्टिवल अवॉर्ड (2012), सर्वश्रेष्ठ कोरियोग्राफर (मुख्यमंत्री द्वारा सम्मानित), सर्वश्रेष्ठ गायिका पुरस्कार (2018)  समता नेशनल ग्रुप, नारी शक्ति पुरस्कार (2018)  प्रतीक सांस्कृतिक सोसायटी, वर्ल्ड बुक ऑफ टैलेंट रिकॉर्ड्स (2019) जूरी सदस्य, मोदी रत्न अवॉर्ड (2020) बीएमए ग्रुप आदि सम्मान मेरे जीवन की विशेष उपलधियाँ हैं। 


👉 क्या वर्तमान में भी आप किसी प्रोजेक्ट पर काम कर रही हैं ?


जी हाँ, इस समय मैं आस्था भजन चैनल की स्थायी भजन गायिका हूँ।
इसके अलावा मैंने कौन बनेगा भजन सम्राट और चमकते सितारे जैसे लोकप्रिय टीवी कार्यक्रमों में जज और मेंटर के रूप में भी कार्य किया है।
मैं चाहती हूँ कि मेरी कला के माध्यम से नई पीढ़ी भारतीय संस्कृति, संगीत और नृत्य के प्रति जुड़ाव महसूस करे।

👉अंत में, आप युवा कलाकारों को क्या संदेश देना चाहेंगी ?

मैं हमेशा कहती हूँ, “संगीत और नृत्य सिर्फ़ कला नहीं, साधना हैं।”
अगर आप ईमानदारी से मेहनत करें, अपनी कला से प्रेम करें, तो यह कला आपको पहचान और सम्मान दोनों देती है।
हर युवा को चाहिए कि वो अपनी जड़ों, अपनी संस्कृति और अपनी सच्चाई से जुड़ा रहे, यही सच्ची सफलता है।


ममता श्रीवास्तव अपनी मधुर आवाज़, मनमोहक नृत्य शैली और भारतीय कला-संस्कृति के प्रति समर्पण से न केवल एक कलाकार, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा-स्रोत बन चुकी हैं।
# रफ़ीक़ अहमद

Comments

Popular posts from this blog

सादगी से होने वाले सामुहिक विवाह का चलन बढ़ाया जाएगा : भाई मेहरबान कुरैशी

गाजीपुर मुर्गा मछली मंडी के चेयरमैन भाई मेहरबान कुरैशी के प्रयासों से व्यापारियों को मिली एटीएम सुविधा

राजनीतिक स्वार्थ के देशवासियों को विभाजित कर रही है भाजपा : उदित राज