शिक्षा के साथ संस्कार भी मुहैया कराए जाएँ : डॉ० हर्षवर्धन
शिक्षा के साथ संस्कार भी मुहैया कराए जाएँ : डॉ० हर्षवर्धन
जामिया फ़ातिमा निस्वा के वार्षिक उत्सव में विद्यार्थियों की हुई प्रशंसा
नई दिल्ली। गैर सरकारी संस्था अंजुमन रज़ा-ए-मुस्तफा द्वारा माता सुंदरी लेन स्थित एवाने गालिब सभागार में जामिया फातिमा (निस्वा) का सातवां वार्षिक उत्सव का आयोजन फतेहपुरी मस्जिद के शाही इमाम मुफ़्ती डॉ० एम० मुकर्रम की अध्यक्षता में किया गया और पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सांसद डॉ० हर्षवर्धन मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे। इस मौके पर जलसा मिलाद-उन-नबी भी आयोजित किया गया जिसमें सैय्यद जावेद अली नक्सबंदी, मुफ्रती आरिफ इक़बाल मिस्बाही व मुफ़्ती मौ० इमरान हनफ़ी ने इस्लाम मज़हब के कुछ खास पहलुओं पर रोशनी डाली। इस समारोह में सूफी पीस फाउंडेशन के अध्यक्ष हफीर्जुरहमान, निगम पार्षद आले इक़बाल डॉ० हकीम आयाज़ हाशमी, जमात-ए-सिद्दीकी ऑफ इंडिया के अध्यक्ष शाहिद सिद्दीकी ने खास मेहमान की हैसियत से शिरकत की।
इस मौके पर डॉ० हर्षवर्धन ने विद्यार्थियों की परफोरमेंस की प्रशंसा करते हुए कहा कि शिक्षा उपलब्ध कराना ईश्वरीय काम है, क्योंकि जिस तरह की शिक्षा हम विद्यार्थियों को देंगे उसका प्रभाव उनके भविष्य पर पड़ेगा। उन्होंने कहा ईमानदारी सफलता की कुंजी होती है और सच्चाई व कर्म से बड़ी कोई ताकत नही हो सकती। डॉ० हर्षवर्धन ने आगे कहा कि किसी धर्म में बुराई नही लेकिन इंसानियत से बड़ा कोई धर्म नही, क्योंकि सभी धर्म मानवहित का संदेश देते हैं। डॉ० हर्षवर्धन ने अपने निजी जीवन के कुछ पहलुओं पर चर्चा करते हुए कहा कि मेरी पैदाईश पुरानी दिल्ली में हुई और पालन पोषण भी मुस्लिम समुदाय के बीच हुआ इसलिए उर्दू मुझे जाति तौर पर पसंद है।
डॉ० मुकर्रम मुकर्रम ने विशेष रूप से लड़कियों की शिक्षा पर जोर देते हुए कहा कि तरक्की का रास्ता तालीम के माक़ज से होकर गुजरता है। उन्होंने कहा कि जामिया फातिमा मदरसे में दीनी तालीम के साथ-साथ मॉर्डन तालीम भी दी जाती है जो कि बेहद सराहनीय कदम है क्योंकि मॉर्डन एजूकेशन भी वक्त की जरूरत है।
हाजी कमरूद्दीन सिद्दीक़ी ने कहा कि जामिया फ़ातिमा में इस्लामी एजुकेशन के साथ साथ हम दसवी कक्षा तक मॉर्डन एजुकेशन भी मुहैया कराते हैं। इस मदरसे में आर्थिक दृष्टि से कमज़ोर परिवारों की लड़कियों को शिक्षा दी जाती है और यह बोर्डिंग मदरसा है तो बहुत कम फ़ीस पर विद्यार्थियों को शिक्षा, रिहाइश व खाना उपलब्ध कराते हैं ताकि होनहार बच्चियाँ पैसे की कमी के कारण जीवन के किसी फ़ील्ड में पीछे न रह जाएँ।
मोहम्मद इकराम एडवोकेट ने कहा कि हम चाहते हैं कि हमारे बच्चे आधुनिकता के इस दौर में किसी से पीछे न रहें वह मज़हबी तालीम के साथ साथ इंजीनियर, डॉक्टर,प्रोफ़ेसर, जर्नालिस्ट आदि बनकर देश की प्रगति में भागीदार बनें।उन्होंने कहा आज के वार्षिकोत्सव में उर्दू,अंग्रेज़ी स्पीच के अलावा पर्सनालिटी डेवलपमेंट स्टेज परफॉर्मेंस तथा कक्षा में फ़ास्ट सैकिंड व थर्ड स्थान पाने वाली लड़कियों को पुरस्कार भी वितरित किए गए।
Report By:- Neha Sharma
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