राहुल गाँघी जी की संसद में बहाली, नफ़रत के ख़िलाफ़ मोहब्बत की जीत : एडवोकेट हरीश गोला

 


सत्य की जीत : सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का सम्मान

नई दिल्ली 4 अगस्त। दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी मानवाधिकार विभाग के महासचिव एडवोकेट हरीश गोला ने हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिए गए मोदी सरनेम केस के फैसले का सम्मान किया है। इस फैसले के माध्यम से सत्य की जीत हुई है और सत्यमेव जयते का एक बार फिर सत्य से बढ़कर उच्चतर स्तर पर उठने का अभिप्रेत किया गया है।

एडवोकेट हरीश गोला ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में राहुल गांधी को बड़ी राहत दी है और उनकी सजा पर रोक लगाई है। इसमें निर्णय के दौरान, जस्टिस बी आर गवई की अध्यक्षता वाली पीठ ने ध्यान से मामले की सुनवाई की। राहुल गांधी के वकीलों ने अदालत में तर्क देते हुए खुद शिकायतकर्ता (पूर्णेश) का मूल सरनेम ही मोदी नहीं है, बल्कि उनका मूल उपनाम भुताला है यह बताया। फिर यह मामला कैसे बन सकता है? सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी को राहत देते हुए इस प्रमाण से प्रमाणित किया कि मोदी नाम वाले 13 करोड़ लोग हैं, बल्कि समस्या सिर्फ बीजेपी से जुड़े लोगों को ही हो रही है। पिछले गलत फैसले द्वारा सिर्फ एक व्यक्ति राहुल गांधी का ही नहीं, बल्कि उनके पूरे निर्वाचन क्षेत्र के मतदाताओं का अधिकार प्रभावित हो रहा है। इसलिए सर्वोच्च न्यायालय ने राहुल की सजा पर रोक लगाने का निर्णय लिया है।

इस फैसले से मानवाधिकार विभाग के महासचिव एडवोकेट हरीश गोला बेहद संतुष्ट हैं और सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय को सही मानते है। उन्होंने कहा कि इस फैसले से न्याय प्रणाली ने सत्य की जीत का प्रतीकता दिखाई है और सत्यमेव जयते के प्रति विश्वास को और मजबूती मिली है। उन्होंने इसे 'नफरत के खिलाफ मोहब्बत की जीत' बताया है, जो एक नेता के रूप में राहुल गांधी के लिए एक बड़ी प्रतिस्पर्धा भी थी। वे माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय की सराहना करते हुए कहते हैं कि यह फैसला राहुल गांधी के अलावा उनके निर्वाचन क्षेत्र के लोगों के लिए भी लाभकारी साबित होगा।

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