मुशावरत ने स्थापना दिवस पर सरकारों की नीतियों पर साधा निशाना, संवैधानिक मूल्यों की रक्षा की उठाई मांग
डॉ० बिलाल अंसारी
नई दिल्ली 9 अगस्त। ऑल इंडिया मुस्लिम मजलिस-ए-मुशावरत ने अपने स्थापना दिवस के अवसर पर केंद्र और विभिन्न राज्य सरकारों पर गंभीर आरोप लगाते हुए संवैधानिक मूल्यों की रक्षा और सभी समुदायों के साथ समान व्यवहार की मांग की। संगठन ने एसआईआर (सोशल इंस्टेंस रिवीजन) जैसी प्रक्रियाओं को मताधिकार छीनने की कोशिश बताते हुए इसका कड़ा विरोध किया और कहा कि इसका सबसे अधिक असर मुसलमानों, दलितों, पिछड़े और गरीब वर्गों पर पड़ रहा है।
मुशावरत ने आरोप लगाया कि भाजपा शासित राज्यों में सांप्रदायिक हिंसा, घृणा अपराध और अल्पसंख्यकों पर लक्षित हमले बढ़ रहे हैं। मुशावरत ने हाल के महीनों में बढ़ती अवैध गिरफ्तारियों, धार्मिक स्थलों पर हमलों और मीडिया में फैलाई जा रही नफरत पर चिंता जताई। संवाददाता सम्मेलन में पत्रकारों को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष एडवोकेट फ़िरोज़ अंसारी ने कहा कि असम, दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और बंगाल में मुसलमानों को “अवैध प्रवासी” बताकर परेशान किया जा रहा है, जो एक योजनाबद्ध भेदभावपूर्ण नीति का हिस्सा है।उन्होंने वक़्फ़ संशोधन अधिनियम 2025 को वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा के बजाय उनके दुरुपयोग का रास्ता खोलने वाला कानून बताते हुए इसे तुरंत वापस लेने की मांग की। क्योंकि इसके जरिए वक्फ संपत्तियों पर राजनीतिक हस्तक्षेप और भूमि अधिग्रहण को बढ़ावा मिल रहा है, जो मुस्लिम समाज के अधिकारों का हनन है।
मुशावरत के पूर्व अध्यक्ष नावेद हामिद ने महाराष्ट्र सरकार द्वारा मालेगांव और मुंबई ट्रेन ब्लास्ट मामलों में अलग-अलग रवैया अपनाने पर सवाल उठाया। मुशावरत ने 2008 मालेगांव विस्फोट मामले में सभी आरोपियों के बरी होने को न्याय की विफलता बताया और उच्चस्तरीय न्यायिक जांच की मांग की।
फिलिस्तीन में हो रहे नरसंहार पर भी मुसावत ने कड़ी प्रतिक्रिया दी और संयुक्त राष्ट्र तथा अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय से तत्काल हस्तक्षेप की अपील की। मुशावरत ने इजरायल द्वारा फिलिस्तीनी जनता के खिलाफ की जा रही कार्रवाइयों को युद्ध अपराध और मानवता के खिलाफ अपराध बताया।
मुशावरत के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष ईदरीस कुरैशी बताया कि मुशावरत ने अपने स्थापना दिवस पर यह संकल्प लिया कि वह न्याय, लोकतंत्र और मानवाधिकारों पर हो रहे किसी भी हमले के खिलाफ कानूनी, राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर संघर्ष जारी रखेगा।
Comments
Post a Comment