बिरादरी के अपने जच्चा बच्चा हॉस्पिटल व स्कूल कॉलेज होने चाहिए : डॉ० ताजुद्दीन अंसारी
मोमिन बिरादराने अंसार के ईद मिलन में शादियों में होने वाले फिजूल खर्च का हुआ विरोध
उत्तर प्रदेश। मोमिन बिरादराने अंसार की ज़ानिब से मेरठ हापुड़ रोड स्थित हमसफर पैलेस में ईद मिलन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में शादियों में होने वाली फिजूल खर्ची, निकाह में सरलता और समाज में शिक्षा के स्तर में सुधार जैसे अहम विषयों पर चर्चा की गई। युसूफ अंसारी की अध्यक्षता में आयोजित इस कार्यक्रम में अनुसूचित जाति आयोग भारत सरकार के पूर्व नेशनल कॉर्डिनेटर डॉ० ताजुद्दीन अंसारी मुख्य रूप से उपस्थित रहे। इसके अलावा फे़स ग्रुप के चेयरमैन डॉ0 मुश्ताक अंसारी, प्रमुख समाज सेवी चौधरी सरताज़ गाज़ी, दानिश अय्यूबी, पूर्व विधानसभा प्रत्याशी हाजी सलीम अंसारी, निगम पार्षद मौ० ताहिर अली, मुस्तफा अहमद, पूर्व पार्षद आस मौहम्मद, हाजी इमरान अंसारी मुजफ्फर नगर, हाजी खुशनवाज़, आदि ने विशिष्ठ अतिथि की हैसियत से शिरक़त की। कार्यक्रम की सफलता में हबीब अहमद अंसारी, आस मौहम्मद बाली वाले, फैय्याज अहमद, सूफी इंकलाब, इरशाद अहमद आदि का विशेष योगदान रहा।
इस अवसर पर डॉ० ताजुद्दीन अंसारी ने कहा कि समुदाय में सामूहिक विवाह का चलन बढ़ाना चाहिए ताकि शादियों में होने वाली फिजूल खची्र में कमी आ सके। उन्होंने कहा शादियों से शादी से पूर्व और शादी के वाद की फिजूल रस्मों को भी खत्म कर देना चाहिए क्योंकि इस्लाम मज़हब किसी भी तरह की फिजूल रस्म की इज़ाज़त नही देता। डॉ० ताजुद्दीन ने यह भी कहा कि बिरादरी के अपने जच्चा बच्चा हॉस्पिटल और स्कूल कॉलेज भी होने चाहिए। डॉ० मुश्ताक अंसारी ने कहा कि फिजूल खर्च रोकने के लिए लड़का पक्ष के परिवारों को पहल करनी होगी वह दहेज़ को कबूल ना करें क्योंकि लड़की पक्ष के लोग मजबूरी में फिजूल खर्ची व दहेज देते हैं ताकि उनकी बेटी को किसी तरह के ताने ना सुनने पड़ें। उन्होंने कहा समुदाय के उत्थान के लिए बच्चों को उच्च शिक्षा मुहैया करानी होगी। लेखिका नीरज तोमर ने लड़कियों की शिक्षा पर जोर देते हुए कहा कि बच्चे हमारे हैं तो उनकी सभी जिम्मेदारियां भी हमारी है अर्थात अभिभावकों को चाहिए कि अपनी जिम्मेदारी का निर्वाह करते हुए लड़कियों को भी शिक्षित बनाएं क्योंकि लड़कियों में भी टैलेंट की कोई कमी नही है।
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