श्रीमद् भागवत कथा में आचार्य तरूण लखन जी महाराज ने डॉ० अंसारी का किया विशेष सम्मान

अगर आप समाज की बेहतरी के लिए कुछ करते हैं तो समाज भी बदले में आपको सम्मान देगा और दुःख सुख में आपके साथ खड़ा नज़र आएगा। मैं छोटे मोटे जितने भी कार्य समाज सेवा के क्षेत्र में करता हूं या समाज में धार्मिक भेदभाव को खत्म करने का प्रयास करता हूं तो उसके बदले की उम्मीद कभी नही करता लेकिन समाज के सभी वर्गों के बीच मुझे हमेशा सम्मान मिलता है जिसे पाकर मेरी कार्य क्षमता में वृद्धि होती है। ऐसा ही एक सम्मान का मौका 11 सितम्बर 2022 को मेरे जीवन में आया। हूआ यूं कि गीता कालोनी निवासी मलिक परिवार जिनसे हमारे परिवार का करीब 50 वर्ष पुराना रिश्ता है, इन्होंने 11-18 सितम्बर श्रीमद् भगवत कथा का आयोजन गीता कालोनी पूर्वी दिल्ली स्थित शीशे वाले मंदिर में किया, इस अवसर पर सेकुलर व्यवहार के लिए पहचाने जाने वाले कृष्णा नगर जिला कांग्रेस अध्यक्ष एवं पूर्व पार्षद गुरचरन सिंह राजू मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। मुझे भी कथा के शुभ आरम्भ अवसर पर शामिल होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ तो इस मौके पर श्री राजू ने उपस्थित संगत के बीच जो मेरा परिचय कराया मैं उसके लिए गुरचरन सिंह राजू जी का आभार व्यक्त करता हूं। उन्होंने बताया कि डॉ- मुश्ताक अंसारी सेकुलर व्यक्ति हैं जो मुस्लिम समुदाय से ताल्लुक रखते हैं लेकिन सभी धर्मों का आदर करते हैं, उन्होंने कहा डॉ- अंसारी राम कथा भी कराते हैं तो गुरू नानक देव जी के जन्म दिवस पर सभी धर्मों के विद्वानों को एक मंच पर इकट्ठा कर सेमिनार भी आयोजित करते हैं तथा दीवाली, होली, ईद, क्रिसमस आदि सभी धर्मों के पर्वों को सामुहिक रूप से सेलीब्रेट करते हैं। इसके अलावा समाज सेवा के कार्यों में भी अपनी क्षमता से अधिक रूचि लेते हैं। इस परिचय के उपरांत कथा वाचक आचार्य श्री तरूण लखन शाण्डिल्य जी महाराज आश्चर्यचकित रह गए और उन्होंने कहा कि मैंने अपने जीवन में ऐसा व्यक्ति नही देखा जो इतना सेकुलर हो कि दूसरे धर्म के धार्मिक आयोजन इतनी रूचि लेकर करता हो कि जिसमें उनका पूरा परिवार शामिल रहता है। महाराज तरूण लखन मेरे परिचय से बेहद प्रभावित हुए और उन्होंने स्वयं मेरा फूल मालाओं से अभिनंदन किया। मेरे लिए यह क्षण बेहद आनंदमय था। इस क्षण का वर्णन करने के पीछे मेरा मकसद सिर्फ इतना है कि यह जो आनंदमय क्षण था इस तरह का आनंद तो सबको पसंद है लेकिन इस क्षण से पहले की जो मेहनत, कुर्बानी व धन खर्च होता है वह कोई नही करना चाहता और जो लोग करते हैं उन्हें इसका लाभ भी मिलता है। मैं सिर्फ इतना कहना चाहता हूं कि आपसी सौहार्द व एकता में भी समाज व देश का हित है, प्रेम से बड़ी शक्ति कोई दूसरी नही हो सकती। एक छोटे से झगड़े के फैसले के लिए दोनों पक्ष वर्षों अदालत के चक्कर काटते हैं जबकि वह फैसला एक दिन में आपसी समाजी बैठक में हो सकता है लेकिन उसके लिए दिलों में गुंजाईश अर्थात प्रेम चाहिए। जो लोग समाज में नपफ़रत का जहर घोलते हैं वह कभी देशभक्त नही हो सकते और जो लोग दूसरे के धर्म का आदर नही कर सकते तो वह अपने धर्म के अनुआयी नही हो सकते क्योंकि कोई भी धर्म किसी दूसरे धर्म को बुरा नही बताता, सभी धर्म मानवता का संदेश देते हैं। लेकिन बड़े अफसोस की बात है कि हमारे देश में सबसे अधिक झगड़े ही धर्म व जाति के नाम पर होते हैं। मैं गुरचरन सिंह राजू जी का आभार व्यक्त करना चाहता हूं जो हमेशा मेरा सम्मान करते हैं तथा मेरे जैसे हर उस व्यक्ति का सम्मान करते हैं जो समाज व देश को जोड़ने का कार्य करता है। श्री राजू अपने सेकुलर व्यवहार के लिए प्रसिद्ध हैं तथा सभी धर्मों का आदर व आयोजन करते हैं, रामलीला का आयोजन भी इनके द्वारा किया जाता है, समय-समय पर भण्डारा व समाज सेवा के कार्य प्रतिदिन इनके द्वारा किए जाते हैं। समाज में इस तरह के लोगों की संख्या बढ़नी चाहिए तभी नव भारत निर्माण की उम्मीद की जा सकती है।
डॉ० मुश्ताक़ अंसारी
चेयरमैन, फ़ेस ग्रुप



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