अच्छे बुरे की पहचान कर्म से होनी चाहिए जन्म से ही नहीं : डी एस राणा
उच्चस्तरीय शिक्षा के बिना किसी भी समुदाय का विकास संभव नहीं : डॉ० मुश्ताक़ अंसारी
नई दिल्ली।हर वर्ष की भाँति इस वर्ष भी साईं सहारा समिति के अध्यक्ष अशोक निठारी की देख रेख में भगवान बाल्मिकी जयंती के मौक़े पर पूजा अर्चना व भंडारे का आयोजन सर गंगाराम अस्पताल में किया गया। इस मौक़े पर सर गंगाराम हॉस्पिटल ट्रस्ट के चेयरमैन डी एस राणा, अस्पताल बोर्ड के चेयरमैन डॉक्टर अजय स्वरूप, वाइस चेयरमैन डॉक्टर एस पी ब्योत्रा, डॉक्टर एस के भल्ला,डॉक्टर जयश्री सूद, फ़ेस समूह के चेयरमैन डॉक्टर मुश्ताक़ अंसारी, सर्वो स्टेप पावर के डारेक्टर मोहम्मद आलम आदि गणमान्य व्यक्ति मुख्य रूप से उपस्थित रहे। इस कार्यक्रम को अंजाम तक पहुँचाने में राकेश कुमार, सुरजीत कुमार, महेश टाँक, धर्मेन्द्र कुमार, रवि राणा, गौरव जैन व आलोक कुमार आदि का विशेष योगदान रहा।
इस मौक़े पर डी एस राणा ने कहा कि रामायण के रचियता महर्षि बाल्मीकि ने देश को धर्म जाति के नाम पर विभाजित होने से रोकने का प्रयास किया, जिसका प्रभाव धीरे धीरे समाज में देखने को मिल रहा है। उन्होंने कहा अच्छे बुरे की पहचान इंसान के कर्म से होनी चाहिए जन्म से नहीं। डॉ० अजय स्वरूप ने कहा कि सभी धर्म हमें मानवता का संदेश देते हैं और हम सबको अपना जीवन यापन धर्म में आस्था रखकर करना चाहिए।डॉ० मुश्ताक़ अंसारी ने अपने वक्तव्य में कहा कि महर्षि वाल्मिकी ने जहाँ हमें धर्म के मार्ग पर चलने का संदेश दिया वहीं शिक्षा के महत्व का भी विशेष उल्लेख किया। डॉक्टर अंसारी ने कहा कि किसी भी समुदाय का उत्थान उच्च स्तरीय शिक्षा गृहण किए बिना संभव नहीं है। अशोक निठारी ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि हमें क़लम की ताक़त को पहचानना चाहिए, क़लम की सफलता के बल पर ही हम प्रगति की ओर अग्रसर हो सकते हैं यही मुख्य संदेश महर्षि बाल्मिकी जी ने दिया।
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