मॉर्डन एजूकेशन को फर्ज़ व दीनी तालीम को नफ़्ल समझते हैं अधिकांश लोग
जमियत की पूर्वी दिल्ली जिला की बैठक में इस्लाह-ए-मुआशरा पर दिया गया विशेष बल
नई दिल्ली। जमियत उलेमा पूर्वी दिल्ली जिले की एक जनरल मीटिंग फेस स्टूडियों आराम पार्क इलाके में की गई। हाफिज सलीम अहमद की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक की शुरूआत ज़िला अध्यक्ष मौलाना ज़ाहिद कासमी द्वारा तिलावत-ए-कुरान मजीद से की गई। इस्लाह-ए-मुआशरा विषय पर आयोजित इस बैठक में समाज में फैली बुराईयों, कुरीतियों को दूर करने के लिए चिंतन किया गया। बैठक में मौलवी जाहिद कासमी ने कहा कि समाज में दीनी तालीम की कमी के चलते कई तरह के बिगाड़ देखने को मिल रहे हैं, इसी के मद्देनज़र जमियत ने इस्लाह-ए-मुआशरा के किए पूरे हिन्दुस्तान में जागरूकता अभियान की योजना पर अमल शुरू कर दिया है। हाफिज सलीम अहमद ने कुरान मजीद की तालीम पर जोर देते हुए कहा कि समाज का मॉर्डन एजूकेशन पर अधिक जोर है, अधिकांश लोग मॉडर्न एजूकेशन को फर्ज और कुरान की तालीम को नफ़्ल का दर्जा देते हैं। उन्होंने कहा जमियत ने हर फील्ड के लिए योजनाएं बना रखी हैं उन पर अमल भी हो रहा है लेकिन एक आम मुसलमान का दीनी तालीम और जमियत की कारगुजारियों की तरफ ध्यान कम है।जमियत के ज़िला जनरल सैक्रेटरी डॉ० मुश्ताक अंसारी ने अपने ख्यालात का इज़हार करते हुए कहा कि समुदाय में मज़हबी शिक्षा की कमी के कारण व्यवहार में बहुत खामियां देखने को मिल रही हैं, खासतौर से युवा वर्ग विभिन्न प्रकार के अपराधों में लिप्त हो रहा है। उन्होंने कहा समाज के जिम्मेदार लोगों को जमियत की योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने के लिए प्रयास करने चाहिए। मौ० इलयास सैफी ने जानकारी देते हुए बताया कि आज की इस बैठक में सर्व सम्माति से यह तय पाया गया कि ज़िले के अन्तर्गत इस्लाह-ए-मुआशरा, जमियत के दीनी स्कूल व जमियत यूथ क्लब तीन योजनाओं को अमल में लाया जायेगा। इस मौके पर जिला उपाध्यक्ष डॉ० अनजारूल हक, डॉ० एस-ए-खान, चौधरी मौ० इनाम, तनवीर अहमद, मौ० हसरूद्दीन, अहमद हसन, मौ० कलीम, मौ० आजम, चौ० मुमताज अली चिश्ती, मौहम्मद आलम, डॉ० मौ0 इमरान, मौ० अयाज हाशमी, हाजी मौ० बादशाह, परवेज आलम व डॉ० बिलाल अंसारी आदि जमियत के जिम्मेदार लोग भी मौजूद रहे। देश व समुदाय की तरक़्क़ी के लिए ख़ास दुआ के साथ बैठक मुकम्मल हुई।
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