सरकार असल मुद्दों से हटाकर जनता को हिंदू मुस्लिम के झगड़ों में उलझाकर रखना चाहती है : भाई मेहरबान क़ुरैशी

 वक़्फ़ बोर्ड संशोधन बिल पर भाई मेहरबान क़ुरैशी से ख़ास मुलाक़ात 


भाई मेहरबान कुरैशी, समाज सेवा के क्षेत्र में एक बड़ा नाम हैं, काफी लंबे समय से समाजिक और धार्मिक क्षेत्र में सेवा के कार्य कर रहे हैं। विभिन्न सामाजिक और धार्मिक संगठनों के मुख्य पदों की ज़िम्मेदारी का निर्वाह करते हुए समाज को निःस्वार्थ समर्पित हैं ! भाई मेहरबान निजी तौर पर और अपनी टीम के साथ मिलकर समाज को जोड़ने, सामाजिक समस्याओं को उठाने और उनके समाधान के लिए कार्य कर रहे हैं। कांग्रेस में रहते हुए भी और अब आम आदमी पार्टी से जुड़े होने के बाद भी हमेशा सामाजिक मुद्दो को सरकार के समक्ष रखा है। इनका हर धर्म, संप्रदाय और समुदाय से निजी संबंध रहा है। आइए आज इनसे वक़्फ़ संशोधन बिल पर चर्चा करते हैं !

प्रश्न: हाल ही में वक्फ बोर्ड संशोधन बिल को लेकर काफी चर्चा हो रही है। इस पर आपकी क्या राय है?

उत्तर:वक्फ बोर्ड संशोधन बिल, जो संसद से पारित हुआ, मुझे गलत लगता है। सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल इस पर स्टे लगा दिया है कि वक्फ बोर्ड की प्रॉपर्टी जैसी है, वैसी ही रहेगी, उस पर कोई कब्जा नहीं होगा। मैं सुप्रीम कोर्ट का दिल से धन्यवाद करता हूं। मुझे उम्मीद है कि कोर्ट आगे भी न्याय करेगा और वक्फ बोर्ड की संपत्तियों को बचाएगा।

प्रश्न 3:आपके हिसाब से सरकार की इस बिल के पीछे क्या मंशा है?

उत्तर:सरकार का मकसद असली मुद्दों से ध्यान भटकाना है। जनता को हिंदू-मुसलमान के झगड़े में उलझाकर, असली समस्याओं जैसे मणिपुर हिंसा, महिलाओं के उत्पीड़न, दलित अत्याचार आदि से दूर रखना चाहती है। असल में बेरोजगारी, महंगाई और गरीबों की हालत पर ध्यान देने की जरूरत है, मगर सरकार सिर्फ वोट बैंक की राजनीति कर रही है।

प्रश्न 4:क्या आपको लगता है कि प्रधानमंत्री मोदी जी खुद इन सबके लिए जिम्मेदार हैं?

उत्तर:नहीं, मैं मानता हूं कि मोदी जी बुरे इंसान नहीं हैं। समस्या उनके सलाहकारों में है जो उन्हें गलत रिपोर्ट और सलाह देते हैं। जैसे इंदिरा गांधी को इमरजेंसी के समय गलत सलाह दी गई थी, वैसे ही मोदी जी को भी गुमराह किया जा रहा है। उन्हें जमीन पर खुद उतर कर सचाई देखनी चाहिए।

प्रश्न 5:कुछ संगठनों का कहना है कि वक्फ बोर्ड की संपत्तियों पर बड़े बिल्डर माफियाओं का कब्जा है। इस बारे में आपका क्या कहना है?

उत्तर:बिल्कुल सही बात है। वक्फ बोर्ड की कई संपत्तियां बड़े-बड़े बिल्डर और माफिया कब्जा चुके हैं। इस बिल के जरिए उन्हें वैध करने की कोशिश की जा रही है। उदाहरण के लिए, मुंबई में 16000 करोड़ रुपये का जो मकान समुद्र किनारे बना है, वो भी वक्फ बोर्ड की संपत्ति थी। ये सारा खेल नीचे स्तर पर हो रहा है, न कि मोदी जी खुद कर रहे हैं।

प्रश्न 6:कुछ लोगों का कहना है कि वक्फ संपत्तियां अब पूरे देश की संपत्ति होनी चाहिए, मुसलमानों की नहीं। इस पर आपका क्या कहना है?

उत्तर:अगर किसी ने संपत्ति दान दी थी, तो मस्जिद, मदरसे, कब्रिस्तान, गरीबों की सेवा के लिए दी थी। वो संपत्ति गरीबों और धार्मिक संस्थाओं के लिए थी, न कि किसी सरकार या माफिया के लिए। इसलिए उनका मालिकाना हक वक्फ बोर्ड के पास रहना चाहिए।

प्रश्न 7:कोर्ट में चर्चा चल रही है कि वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिमों को भी मेंबर बनाया जाए। इस पर आपकी राय?

उत्तर:अगर ऐसा करना है तो फिर हिंदू धार्मिक संस्थाओं जैसे बालाजी मंदिर, साईं बाबा ट्रस्ट, वैष्णो देवी मंदिर में भी मुसलमानों को मेंबर बनाया जाना चाहिए। जब वहां यह संभव नहीं, तो वक्फ बोर्ड जैसी मुस्लिम संस्थाओं में गैर-मुस्लिमों की नियुक्ति कैसे जायज होगी? मुझे सुप्रीम कोर्ट से पूरी उम्मीद है कि वो न्याय करेगा।

प्रश्न 8:आपका कोर्ट और न्यायपालिका पर कितना विश्वास है?

उत्तर:हमारा सुप्रीम कोर्ट पर पूरा विश्वास है। जैसे अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आस्था के आधार पर फैसला दिया और देश के मुसलमानों ने उसे शांति से स्वीकार किया, वैसे ही इस मामले में भी उम्मीद है कि कोर्ट इंसाफ करेगा।

प्रश्न 9:अंत में, देश के हालात को देखते हुए आप क्या संदेश देना चाहेंगे?

उत्तर:मैं प्रधानमंत्री मोदी जी से हाथ जोड़कर विनती करता हूं कि वे जमीन पर उतरें, असल हालात देखें और सही सलाहकार रखें। देश में गरीब और कमजोर तबके की हालत बहुत खराब है। अगर जल्द सुधार नहीं किया गया, तो भारत भी पाकिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश जैसे हालात में पहुंच सकता है। देश को बचाना है तो नीचे से बदलाव लाना होग

Comments

Popular posts from this blog

शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंघ बादल ने दिल्ली में पार्टी वर्कर्स के साथ की राजनीतिक चर्चा

सादगी से होने वाले सामुहिक विवाह का चलन बढ़ाया जाएगा : भाई मेहरबान कुरैशी

हुमा खान म्युजिकल ग्रुप ने किया म्यूजिक मस्ती विद अरविंद वत्स का आयोजन