हरियाणा बोर्ड रिजल्ट में नवोदय सरस्वती स्कूल की चमकदार कामयाबी, बीमारी को मात देकर सुहानी बनी टॉपर

    फरीदाबाद। ओल्ड फरीदाबाद स्थित नवोदय सरस्वती हाई स्कूल ने इस वर्ष हरियाणा बोर्ड की 10वीं कक्षा के परिणाम में शानदार प्रदर्शन करते हुए शत-प्रतिशत सफलता दर दर्ज की है। यह सफलता न केवल स्कूल की मेहनत का नतीजा है, बल्कि उन छात्रों के हौसले की भी मिसाल है, जिन्होंने तमाम कठिनाइयों के बावजूद उत्कृष्ट प्रदर्शन किया।

विद्यालय के एकेडमिक कोऑर्डिनेटर श्रेय पाराशर ने जानकारी देते हुए बताया कि इस वर्ष स्कूल के सभी विद्यार्थियों ने बेहतरीन परिणाम दिए, जिसमें कई छात्रों ने 90% से अधिक अंक प्राप्त कर विद्यालय का नाम रोशन किया। सबसे उल्लेखनीय प्रदर्शन किया छात्रा सुहानी चौहान ने, जिसने 93.4% अंक प्राप्त कर विद्यालय में टॉप किया।

    सुहानी की सफलता की कहानी केवल अंकों तक सीमित नहीं है। प्रिंसिपल गौरव पाराशर ने बताया कि सुहानी पिछले डेढ़ वर्ष से एक गंभीर बीमारी से जूझ रही है और इसी कारणवश वह इस शैक्षणिक सत्र में केवल पाँच महीने ही विद्यालय आ सकी। इसके बावजूद उसके दृढ़ संकल्प और मेहनत के आगे बीमारी भी हार मान गई। वर्तमान में भी वह AIIMS (ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज) के डॉक्टरों की निगरानी में है, लेकिन उसकी यह उपलब्धि देशभर के विद्यार्थियों के लिए प्रेरणा है।

इस बार अंग्रेजी विषय में भी छात्रों ने शानदार प्रदर्शन किया। लीकिता ने 99 अंक, नंदनी ने 97 अंक और मन्नत ने 92 अंक प्राप्त किए, जो दर्शाता है कि स्कूल न केवल परिणाम में बल्कि विषयगत गुणवत्ता में भी उत्कृष्टता की ओर अग्रसर है।

    विद्यालय के निदेशक मदन गोपाल शर्मा (सेवानिवृत्त उपमंडल शिक्षा अधिकारी) ने बताया कि उनका उद्देश्य शिक्षा को सीमित संसाधनों में अधिकतम बच्चों तक पहुँचाना है, ताकि कोई भी बच्चा सिर्फ संसाधनों की कमी की वजह से शिक्षा से वंचित न रह जाए। उन्होंने यह भी बताया कि स्कूल को हाल ही में 12वीं कक्षा की मान्यता प्राप्त हुई है और अगला सत्र 12वीं बोर्ड परीक्षा का पहला बैच प्रस्तुत करेगा।

वार्ड नंबर 31 की पार्षद शेफाली सिंगला ने विद्यालय में आकर बच्चों को मिठाई खिलाई और प्रिंसिपल गौरव पराशर को सम्मान पत्र भेट करते हुए इस बात पर गर्व जताया कि इतना बेहतरीन प्रदर्शन करने वाला स्कूल उनके वार्ड में स्थित है।

    इस अवसर पर स्कूल की अध्यापिकाएँ कोमल पाराशर, कीर्ति शर्मा और सुनीता ढींगरा ने भी बच्चों को माला पहनाकर और मिठाई खिलाकर उनका उत्साहवर्धन किया।

यह परिणाम न केवल स्कूल की शैक्षिक गुणवत्ता का प्रमाण है, बल्कि यह दिखाता है कि लगन, मेहनत और समर्पण के बल पर कोई भी बाधा पार की जा सकती है। नवोदय सरस्वती हाई स्कूल ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि सच्ची शिक्षा वही है, जो सिर्फ किताबों तक सीमित न रहकर जीवन के संघर्षों से जीतना भी सिखाए।

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