कोर्ट में अब अवैध क़ब्ज़ाधारियों पर कोर्ट की अवमानना के लिए होगी जल्द सज़ा : एडवोकेट रईस अहमद
डाबड़ी क़ब्रिस्तान मुक़दमे में एक और बड़ी जीत हासिल
नयी दिल्ली - दक्षिण पश्चिमी दिल्ली के द्वारका कोर्ट में चल रहे डाबड़ी क़ब्रिस्तान के मुक़दमे में वक़्फ़ क़ब्रिस्तान कर्बला कमिटी को राहत देते हुए अवैध कब्जाधारियों के खिलाफ कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए जहां वक़्फ़ क़ब्रिस्तान पर क़ाबिज़ अवैध कब्जाधारियों की अर्जी ख़ारिज कर दी थी। वहीं 23 अप्रैल को दूसरी, मुक़दमा ख़ारिज करने वाली अर्ज़ी को भी खारिज करके अवैध कब्जाधारियों के मंसूबों पर पानी फेर दिया।
गौरतलब है कि कर्बला क़ब्रिस्तान कमिटी का केस देख रहे एडवोकेट रईस अहमद और उनकी टीम द्वारा दायर मुक़दमे में कोर्ट द्वारा अवैध कब्ज़ा करने की कोशिश करने वालों के खिलाफ इस एक और बड़े फैसले से बेचैनी पैदा हो गई और अवैध पार्किंग व नशाखोरी का धंधा चलाने वालों के ख़िलाफ़ अब कोर्ट के आदेश की अवमानना की करवाई की जाएगी।
एडवोकेट रईस ने बताया कि अवैध कब्जाधारियों ने पिछले मुक़दमे और वर्तमान मुक़दमें को समान बताते हुए सीपीसी की धारा 12 में दर्ज 'रेस जुडिकाटा' के सिद्धांत के तहत अर्ज़ी दाख़िल कर हमारे केस को ख़ारिज कराने की ये नाकाम कोशिश की थी। कोर्ट ने अपने फैसले में जहां पिछले मुक़दमे को वर्तमान मुक़दमे से अलग माना और प्रतिवादी की अर्ज़ी खारिज कर दी। इसके साथ ही बड़े क़ब्रिस्तान में दफ़न की इजाज़त के लिए वक़्फ़ क़ब्रिस्तान कमिटी की तरफ से एडवोकेट रईस अहमद द्वारा मुकदमा भी दायर किया गया था जिसमे भी पिछले साल ऐसा ही फैसला कोर्ट द्वारा दिया गया था। उसमें जनाज़ों को दफन करने वाली हमारी अन्तरिम याचिका पर बहस मुकम्मल हो चुकी है, 7 मई को उसमे भी आदेश आने की उम्मीद है।
इसी सिलसिले में डाबड़ी क़ब्रिस्तान की वक़्फ़ कमिटी ने एडवोकेट रईस अहमद और उनकी लीगल टीम के अन्य वकीलों शिव कुमार चौहान, असलम अहमद, तारिक़ फ़ारूक़ी व अन्य का भी आभार व्यक्त किया।
ऑफिस रिपोर्टर
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