फेस ग्रुप ने मौ० रफी की याद में किया म्यूजिकल इवेंट का आयोजन
कार्यक्रम के दौरान अपने वक्तव्य में दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन जाकिर खान मंसूरी ने कहा कि बहुत से गायकों ने प्रसिद्धि हासिल की लेकिन जो जादू मौ० रफी साहब की आवाज में है, वह किसी और में नहीं ! आज भी लगभग सभी गायक मौ० रफी साहब को फोलो करते हैं। उन्होंने कहा रफी साहब इतने बड़े गायक थे कि पूरी फिल्म इंडस्ट्री उन पर गर्व करती थी लेकिन रफी साहब में कभी अहंकार दिखाई नही पड़ा। वह बेहद साधारण व्यवहार के मिलनसार व्यक्ति थे। उनके गीतों को आज भी हर उम्र के लोग पसंद करते हैं। उन्हें कभी धन की भी लालसा नही रही। उनकी कई मिसालें ऐसी सुनने को मिलती हैं कि उन्होंने आर्थिक दृष्टि से कमजोर फिल्म निर्माताओं की फिल्मों में बिना पैसा लिए भी गाने गाए। और एक अहम बात उनके किरदार में यह भी पाई जाती है कि फिल्म इंडस्ट्री जहां न जाने किस-किस तरह के शौक लोग करते हैं ऐसे माहौल में भी रफी साहब पांचों वक्त के नमाज़ी थे। पक्के सच्चे मुसलमान थे।
भाई मेहरबान कुरैशी (चेयरमैन, गाजीपुर मुर्गा मछली मंडी दिल्ली सरकार) ने अपने वक्तव्य में कहा कि मौ० रफी साहब एक उम्दा गायक के साथ-साथ बेहतरीन इंसान भी थे, उन्होंने बिना धार्मिक भेदभाव के सभी धर्मों के धार्मिक गीतों को अपना स्वर दिया। बेहद खुश मिजाज इंसान थे। उनकी गायकी को आज भी पूरी दुनिया में पसंद किया जाता है। रफी साहब ने हिन्दी के अलावा और भी 23 भाषाओं में गीत गाए। वह भारत के पहले ऐसे कलाकार थे जिनकी मृत्यु के उपरांत दो दिन का सरकारी अवकाश रहा तथा पूरा देश गमगीन हो गया था।
पूर्वी दिल्ली ज़िला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गुरचरन सिंह राजू ने सफल आयोजन के लिए डॉ० मुश्ताक अंसारी एवं फे़स ग्रुप के सभी सदस्यों को बधाई पेश करते हुए कहा कि डॉ० अंसारी कला के क्षेत्र में जहां सभी गायकों को सम्मान देते हैं वही यह विभिन्न क्षेत्रों के कर्मठ समाज सेवियों को अवार्ड देकर सम्मानित भी करते हैं। उन्होंने कहा वर्तमान परिवेश में जहां धर्म के नाम पर राजनीतिक संगठन जनता को बांटने का कार्य कर रहे हैं, वही दूसरी तरफ डॉ० अंसारी सभी धर्मों के धार्मिक आयोजनों को भी सेलीब्रेट करते हैं। देश में ऐसे लोगों की संख्या में बढ़ोत्तरी होनी चाहिए। रफी साहब का भी पूरा जीवन आपसी सौहार्द की गाथाओं से भरा पड़ा है।
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