मॉर्डन एजूकेशन के साथ पवित्र कुरान व दीनी तालीम पर भी होना चाहिए फोकस : मुफ़्ती मेहमूद मज़ाहिरी

 नई दिल्ली। मदरसा मिस्बाहुल कुरान का वार्षिक दस्तारबंदी प्रोग्राम का आयोजन सीलमपुर इलाके में किया गया। इस मौके पर मज़हारूल उलूम वक़्फ सहारनपुर के उत्साद-ए-हदीश मौलाना मुफ़्ती मेहमूद मज़ाहिरी ने खास मेहमान की हैसियत से शिरकत की। इसके अलावा पार्षद पति हाजी अफ़जाल व गाजीपुर मुर्गा मंडी एसोसिएशन के अध्यक्ष चौधरी निज़ाम विशिष्ठि अतिथि के रूप में मौजूद रहे। मदरसों के बच्चों ने नात शरीफ, हदीश और समाज में कुरान की अहमियत पर कई प्रोग्राम पेश किए। 

इस मौके पर मुफ़्ती मेहमूद मज़हिरी ने कुरान मजीद की फ़जलियत पर रोशनी डालते हुए कहा कि खासतौर से हाई क्लास सोसायटी कुरान की तालीम से दूर होती जा रही है जो कि बेहद फिक्र की बात है। उन्होंने कहा समुदाय के अधिकांश लोगों का मॉडन एजुकेशन पर फोकस रहता है लेकिन अभिभावकों को चाहिए कि वह अपने बच्चों को मॉडर्न एजूकेशन के साथ-साथ दीनी तालीम व कुरान की शिक्षा भी उपलब्ध कराएं क्योंकि कुरान रूह की गिज़ा है, क़ुरान के बताए रास्ते पर चलकर ही हम एक अच्छे सच्चे मुसलमान बन सकते हैं और आख़िरत में भी क़ुरान हमारे काम आएगा। 

हाजी अफ़जाल ने कहा कि इस्लाम मज़हब आपसी भाईचारे का संदेश देता है और मदरसों की बदौलत कुरान पढ़ने वालों की तादाद में इज़ाफा होता है। उन्होंने कहा हर मुसलमान को कुरान सीखने की कोशिश करनी चाहिए। चौधरी निज़ाम ने अपने वक्तव्य में कहा कि कोविड़ के कारण दीनी तालीम का काफ़ी नुकसान हुआ है, कुरान पढ़ने वालों की संख्या काफी घट गई है इसलिए हाफिज़ों की तादात भी कम रही है। उन्होंने कहा हम सबकी जिम्मेदारी बनती है कि हम मदरसों के प्रति अपनी जिम्मेदारी का निर्वाह करें और हर घर में कुरान की तिलावत करने वाले मौजूद हों इसके लिए कोशिश करें।

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